Akash Ganga Paying Guest (A/C) only for Girls, #1108, Sec 13, Kurukshetra-136118
आरती लक्ष्मी जी की
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत ह़र विष्णु दाता॥ जय ॥
उमा, राम, ब्रह्माणी, तू ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ जय ॥
दुर्गा रूप निरंजन, सुख संपत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि-सिद्धि पाता॥ जय ॥
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी जगनिधि से त्राता॥ जय ॥
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
सब संभव हो जाता मन नहीं घबराता॥ जय ॥
तुम बिन यज्ञ न होते बरत न हो पाता
खान पान का वैभव सब तुमसे आता॥ जय ॥
शुभ गुण मंदर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता
रतन चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ जय ॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता॥ जय ॥
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत ह़र विष्णु दाता॥ जय ॥
उमा, राम, ब्रह्माणी, तू ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ जय ॥
दुर्गा रूप निरंजन, सुख संपत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि-सिद्धि पाता॥ जय ॥
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी जगनिधि से त्राता॥ जय ॥
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
सब संभव हो जाता मन नहीं घबराता॥ जय ॥
तुम बिन यज्ञ न होते बरत न हो पाता
खान पान का वैभव सब तुमसे आता॥ जय ॥
शुभ गुण मंदर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता
रतन चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ जय ॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता॥ जय ॥